कोरोना की वजह से देशभर के तमाम धार्मिक स्थल बंद हैं, लेकिन अमृतसर के धर्मस्थलों पर भारी भीड़ देखी जा रही है। लोगों में न तो सेहत की चिंता नजर आ रही है, न ही कानून का कोई डर दिखाई दे रहा है। पूरे 56 दिन बाद रविवार को स्वर्ण मंदिर श्री हरिमंदिर साहिब में भी 15 हजार के करीब श्रद्धालु पहुंचे। सोमवार को भद्रकाली मेले में जुटी भीड़ ने मंदिर कमेटी के पसीने छुड़ा दिए।
इससे पहले शनिवार को श्री दुर्ग्याणा तीर्थ के कपाट खोल दिए। तीन दिन से वहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट रही है। जिला प्रशासन ने भद्रकाली मंदिर कमेटी को नोटिस जारी करने की बात कही है, वहीं स्वर्ण मंदिर प्रबंधन ने भी भीड़ को कंट्रोल करने का जिम्मा प्रशासन पर ही छोड़ दिया।
55 दिन सन्नाटा पसरा रहा दोनों जगह
दरअसल, पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर और श्री दुर्ग्याणा तीर्थ आस्था के बड़े केंद्र हैं। यहां सामान्य दिनों में लाखों की संख्या में भीड़ रहती है। ऐहतियात के तौर पर स्वर्ण मंदिर परिसर में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अपना स्टाफ तक कम कर दिया। बाहर जिला और पुलिस प्रशासन ने बैरीकेडिंग कर रखी है। ऐसे में 55 दिन तक जैसे-तैसे इन दोनों धर्मस्थलों पर एक तरह से सन्नाटा पसरा रहा। इसके बाद जैसे ही पंजाब में कर्फ्यू खत्म होने की बात सुनने में आई, एक बार फिर से यहां भीड़ जुटना शुरू हो गई।
सैनिटाइजेशन के बाद करने दिया जा रहा है श्रद्धालुओं को प्रवेश
रविवार को 15 हजार संगत ने श्री दरबार साहिब का दर्शन-दीदार किया। संगत ने वाहे गुरु का शुकराना अदा कर इस महामारी से मानवता को बचाने की अरदास की। इसी तरह सोमवार को दूसरे भी भीड़ देखने को मिली। हालांकि पहले दिन के मुकाबले कम ही थी। दूसरी ओर एसजीपी की तरफ से हर ऐहतियात की बात कही जा रही है। श्रद्धालुओं को सैनिटाइजेशन के बाद ही आगे जाने दिया जा रहा है।
संगत के उत्साह को देखते हुएदरबार साहिब के मैनेजर ने बताया कि आने वाले दिनों में स्थिति पहले जैसे हो जाएगी। दरबार साहिब के मैनेजर मुख्तियार सिंह ने अपील की है कि दर्शन के लिए आएं, लेकिन मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जरूर बनाए रखें। परिक्रमा के बाद ज्यादा देर न बैठें। दर्शन चलते हुए करें।
सोमवार को शुरू हुआ मां भद्रकाली का मेला, नियमों की उड़ी धज्जियां
सोमवार को गेट खजाना स्थित 900 साल पुराने सिद्धपीठ माता श्री भद्रकाली मंदिर में ज्येष्ठ माह की अपरा एकादशी का वार्षिक मेला शुरू हो गया है। मंदिर प्रबंधन की तरफ से पूरे ऐहतियात बरते जाने का दावा किया जा रहा था। इसके बावजूद यहां इतने लोग पहुंच गए। श्रद्धालुओं की भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मंदिर कमेटी को खासा पसीना बहाना पड़ा।
राज्य में सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव हैं अमृतसर में
यह बात भी ध्यान देने वाली है कि कोरोना संक्रमण के मामले में अमृतसर पंजाब में सबसे ऊपर के पायदान पर खड़ा है। यहां श्री दरबार साहिब के पूर्व हुजूरी रागी भाई निर्मल सिंह और एक ऑटो चालक समेत 4 की मौत 5 की मौत हो चुकी है, वहीं अब तक जिले में 307 लोगों को संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। भले ही यह जिला बीते दिनों नांदेड़ से श्रद्धालुओं के लाए जाने से पहला इतना सेंसिटिव नहीं था।
स्वर्ण मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाने को लेकर मैनेजर मुख्तियार सिंह ने साफ-साफ कह डाला कि अंदर किसी भी सूरत में परंपरा नहीं टूटने वाली। संगत आए ही ना, यह जिम्मेदारी तो जिला प्रशासन की है। स्वर्ण मंदिर के मैनेजर के बयान को लेकर दैनिक भास्कर ने डिप्टी कमिश्नर से बात की तो उन्होंने पुलिस कमिश्नर से बात करने के लिए कहा। हालांकि, भद्रकाली मेले में उमड़ी भीड़ के संबंध में डिप्टी कमिश्नर शिवदुलार सिंह ढिल्लों ने मंदिर कमेटी को नोटिस जारी करने की बात कही है। अबजिस तरह से सब एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं तो उस हिसाब से साफ है कि हजारों लोगों की जान की परवाह किसी को भी नहीं है। खुद लोग भी नहीं मान रहे। प्रशासन समझा सकता है, थोड़ी-बहुत सख्ती कर सकता है, पर असल में तो सारा खेल जागरूकता का है।
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