प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा के लिए केन्द्र और दिल्ली के भाजपा नेताओं ने दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के 72 लाख लोगों के लिए प्रतिमाह 8 किलो गेहूं, 2 किलो चावल और एक किलो दाल मुफ्त भेजी। लेकिन दिल्ली सरकार यह राशन गरीबों तक नहीं पहुंचा सकी।
गरीबों के इस राशन पर दिल्ली सरकार के केवल 6.5 करोड़ रुपये खर्च हुए। बिधूड़ी ने कहा की केंद्रीय रेल मंत्री ने प्रवासी मजदूरों को उनके गृह प्रदेशों को भेजने के लिए ट्रेनें चलाने की घोषणा की। इन ट्रेनों के परिचालन का 85 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार दे रही जबकि 15 फीसद वह राज्य सरकार दे रही है जहां के मजदूर ट्रेनों में जा रहे है।
दिल्ली सरकार का इस पर एक भी पैसा नहीं खर्च हो रहा है। उसको केवल संबंधित राज्य सरकारों से बातचीत कर मजदूरों को ट्रेन तक पहुंचा देना है लेकिन यह काम भी वह नहीं कर पा रही। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर 62 हजार लोगों ने अपने गृह प्रदेश को जाने को रजिस्ट्रेशन कराया। दिल्ली सरकार इनको तो अपने घरों को भेजने में नाकाम हुई। दूसरी ओर उसकी वह वेबसाइट ही ठप्प हो गई जिसके माध्यम से अन्य प्रवासी मजदूर अपने घर जाने को रजिस्ट्रेशन करा पाते।
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