राजधानी में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए 31 मई तक चलने वाले लॉकडाउन4.0 में ढील के साथ मंगलवार से 56 दिन बाद मार्केट में ऑड-ईवन के अनुसार दुकान, ऑटो, ई-रिक्शा और बस भी सड़क पर दौड़ेगी। निजी कार में दो से अधिक और दोपहिया में पीछे बैठने की इजाजत नहीं होगी। सरकारी और निजी दोनोें कार्यालय भी पूरे स्टॉफ के साथ काम कर सकेंगे। वहीं, कंटेनमेंट जोन में आवश्यक सेवाएं छोड़कर पाबंदी जारी रहेगी।
सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऑनलाइन प्रेसवार्ता में लॉकडाउन 4.0 में केंद्र के दिशानिर्देशों के अनसुार ढील देने की घोषणा की। केजरीवाल ने कहा कि कोरोना को अब जिंदगी का हिस्सा मानकर चलना होगा। इसके साथ ही जीना सीखना होगा। यह एक दो महीने में खत्म नहीं होने वाला। जब तक इसकी वैक्सीन नहीं आएगी खत्म नहीं होगा। हमें कोरोना को भी हराना होगा और जिंदगी को चलाना होगा। लॉकडाउन हमेशा नहीं रह सकता।
दिल्ली में अब तक 10054 केस है। इनमें से 4485 लोग ठीक हुए है। 45 प्रतिशत लोग ठीक हुए है। 160 लोगों की मौत हुई है। हम एक एक जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली में जो मौंत हुई है वह अन्य राज्य और अन्य देशों की तुलना में कम है।
अहम बात : मेट्रो नहीं चलेगी| स्कूल, कॉलेज, ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, सिनेमा हॉल बंद रहेंगे
पब्लिक ट्रांसपोर्ट | दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को शुरू कर दिया गया है। ऑटो, ई-रिक्शा, साइकिल रिक्शा में एक यात्री को बैठाने की इजाजत होगी। टैक्सी/कैब की इजाजत होगी लेकिन केवल 2 यात्री के साथ। ग्रामीण सेवा, फट-फट सेवा और ईको फ्रैंडली सेवा को भी छूट दी जा रही है, लेकिन यह सिर्फ दो सवारी ही ले सकेंगे। मैक्सी कैब में पांच पैसेंजर और आरटीवी में 11 पैसेेंजर होंगे। सवारी उतराने के बाद ड्राइवर की जिम्मेदारी होगी कि वह सवारी वाले इलाके को सैनिटाइज करेगा। कार पूल या कार शेयरिंग की इजाजत नहीं होगी। वहीं, डीटीसी की बस में अधिकतम 20 यात्री ही बैठ सकेंगे। बस में बैठने से पहले सभी यात्री की थर्मल स्कैंनिंग होगी।
निजी वाहन | दिल्ली में निजी वाहन को चलाने की भी अनुमति होगी। चार पहिया वाहन में दो लोग से ज्यादा और बाइक पर पीछे की सवारी को इजाजत नहीं होगी।
निजी/सरकारी कार्यालय| दिल्ली में सभी निजी और सरकारी कार्यालय को पूरे स्टॉफ के साथ खोलने की अनुमति होगी। हालांकि सीएम ने वर्क फॉर होम को बढ़ावा देने की बात कहीं।
मार्केट/दुकानें | सभी मार्केट खुल जाएंगे। लेकिन मार्केट और मार्केट कॉम्पलेक्स में ऑड ईवन अनुसार दुकान खुलेगी। जरूरत के सामान की दुकान और गली मोहल्ले की स्टैंडअलोन दुकान रोजाना खुलेगी। सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते पाए जाने वाली दुकान को सील कर दिया जाएगा।
कंस्ट्रक्शन वर्क | सभी कंस्ट्रक्शन वर्क की साइट पर काम करने की अनुमति दी गई है। अभी केवल इन-सीटू साइट यानी जिन साइट पर मजदूर रह रहे है उनको ही अनुमति थी। अब दिल्ली के अंदर कही से मजदूर कंस्ट्रक्शन साइट पर जा सकेंगे, लेकिन दिल्ली के बाहर के मजदूर को इजाजत नहीं होगी।
इंडस्ट्री | सभी इंडस्ट्री को खोलने की इजाजत दे दी गई है। लेकिन इंडस्ट्री को खोलने के टाइम अलग-अलग होंगे।
सामाजिक कार्यक्रम | शादी/विवाह के कार्यक्रम में 50 से ज्यादा लोगों को एकत्रित होने की इजाजत नहीं होगी। वहीं, अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए 20 लोगाें को ही इजाजत होगी।
रेस्टाेरेंट | रेस्टाेरेंट खुलेंगें, लेकिन सिर्फ होम डिलीवरी के लिए। कोई रेस्टाेरेंटमें बैठ कर खाना नहीं खा सकेगा।
स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स/स्टेडियम| सभी स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स/स्टेडियम को खोलने की अनुमति होगी, लेकिन स्टेडियम/कॉम्पलेक्स में दर्शकों को बैठने की अनुमति नहीं होगी।
बार्डर पर यह छूट | बॉर्डर पर डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल, सैनिटाइजेशन का करने वाले और एंबुलेंस को बिना रोक टोक के आवाजाही की अनुमति होगी। बॉर्डर पर इंटर स्टेट के सामान और कार्गो या खाली ट्रक हो, उनको आने-जाने की अनुमति रहेगी।
इनमें नहीं रहेगी कोई ढील
मेट्रो नहीं चलेंगी। सभी स्कूल, कॉलेज, ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, सभी होटल, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम्नेजियम, स्वीमिंग पूल, इंटरटेनमेंट पार्क, थियेटर, बॉर, आॅडिटोरियम, असेंबली हॉल्स, सामाजिक, राजनीतिक, खेल, इंटरटेनमेंट, एकेडमिक, सांस्कृतिक और धार्मिक या किसी अन्य प्रकार की गतिविधि, जिसमें काफी भीड़ एकत्र होती है, उसकी अनुमति नहीं होगी। कोई भी धार्मिक स्थान या वहां पर पूजा की गतिविधि बंद रहेगी। कोई भी धार्मिक कार्यक्रम में भीड़ एकत्र होने की अनुमति नहीं होगी। नाई, स्पॉ और सैलून भी अभी बंद रहेंगे।
- शाम 7 से सुबह 7 बजे तक घर से निकलने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि आवश्यक सेवाओं में छूट रहेगी।
- 65 साल से अधिक उम्र के लोग और 10 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाएं और जिन लोगों को गंभीर बीमारियां डायबिटिज, दिल की बीमारी आदि हुई है, उनको घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी।
गंभीर ने रियायतों को जनता के लिए बताया ‘डेथ वारंट’
दिल्ली सरकार द्वारा बाजारों और परिवहन व्यवस्था बहाल करने की सेवा देना एक डेथ वारंट की तरह है। यह दिल्ली के लोगों को मौत के और करीब ले जा सकता है। दिल्ली में हालात अभी बेकाबू हैं। -गौतम गंभीर, सांसद, ईस्ट दिल्ली
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