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Monday, May 18, 2020

तूफानों की लिस्ट में आखिरी नाम है अम्फान, थाईलैंड ने यह नाम दिया; नामकरण का सिलसिला 1953 में शुरू हुआ https://ift.tt/2yZbMq8

बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ तेज होने लगा है। रविवार रात ढाई बजे से यह खतरनाक होने लगा। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, 6 घंटे में अम्फान खाड़ी के दक्षिणी इलाके से उत्तर-पूर्व की तरफ मुड़ चुका है। पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाके इसी क्षेत्र में आते हैं।

इस चक्रवाती तूफान का अम्फान नाम थाईलैंड ने दिया है। वहां इसे उम-पुन कहते हैं।

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में आने तूफानों को 2004 से नाम दिया गया
चक्रवातों को नाम देना सबसे पहले अटलांटिक सागर के आस-पास के देशों ने 1953 में शुरू किया। अब वर्ल्ड मीटिरियोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन ने सिस्टम बनाया है कि चक्रवात जिस क्षेत्र में उठ रहा है, उसके आसपास के देश ही उसे नाम देते हैं। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में आने वाले समुद्री तूफानों के नाम रखने का सिलसिला 16 साल पहले यानी 2004 में शुरू हुआ। इसके लिए एक सूची बनाई गई। इसमें आठ देशहैं। आठ देशों को आठ नाम देने हैं। जब जिस देश का नंबर आता है तो उस देश की सूची में दिए गए नाम के आधार पर उस तूफान का नामकरण कर दिया जाता है।

8 देशों ने 64 नाम दिए, अम्फान आखिरी
तूफानों के नाम आठ देशों ने दिए हैं। इनमें बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं। हर देश ने आठ नाम दिए हैं। इस तरह कुल 64 नाम तय किए गए हैं। अम्फान नाम थाईलैंड ने दिया। यह 2004 में दिए गए 64 तूफानों के नामों की सूची में आखिरी नाम है।

सबसे पहला नाम ओनिल
2004 में जब तूफानों को नाम देने की शुरुआत हुई तो पहले अंग्रेजी अल्फाबेट्सके हिसाब से बांग्लादेश को ये मौका मिला। उसने पहले तूफान को ओनिल नाम दिया। इसके बाद जो भी तूफान आए, उनके नाम क्रमानुसार तय किए गए। अम्फान के बाद अब ये नाम समाप्त हो गए हैं। अब इन्हें फिर ऊपर से शुरू किया जाएगा। भारत ने इस सूची के लिए अग्नि, आकाश, बिजली, जल, लहर, मेघ, सागर और वायु नाम दिए थे।

अमेरिका इस तरह रखता है तूफानों के नाम
बीबीसी की एक खबर के मुताबिक अमेरिका ने वर्ल्ड वार-2 के दौरान चक्रवातों को महिलाओंका नाम देना शुरू कर दिया था। हालांकि, 1978 से आधे चक्रवातों के नाम पुरुषों के नाम पर रखे जाने लगे। अमेरिका हर साल के लिए 21 नामों की लिस्ट तैयार की जाती है। हर अल्फाबेट से एक नाम रखा जाता है, लेकिन Q,U,X,Y,Z को छोड़ दिया जाता है। अगर साल में 21 से ज्यादा तूफान आते हैं तो फिर ग्रीक अल्फाबेट जैसे अल्फा, बीटा, गामा का इस्तेमाल होता है। तूफानों का नाम तय करने में ऑड-ईवन फॉमूर्ला अपनाया जाता है। मतलब ऑड साल में आने वाले तूफानों के नाम औरतों पर, जबकि ईवन साल में आने वाले तूफान के नाम पुरुषों पर होते हैं।

नामकरण इसलिए ताकि पहचान और सतर्कता रहे
दरअसल, तूफानों को नाम देने की कुछ वजहें मानी जाती है। जैसे, इससे मीडिया को रिपोर्ट करने में आसानी होती है। नाम की वजह से लोग चेतावनी को ज्यादा गंभीरता से लेते हैं। निपटने की तैयारी में भी मदद मिलती है। आम जनता भी ये नाम संबंधित विभागों के जरिए सुझा सकती है। इसके लिए नियम हैं। दो शर्तें प्राथमिक हैं। पहली- नाम छोटा और सरल हो। दूसरी- जब इनका प्रचार किया जाए तो लोग समझ सकें। एक सुझाव ये भी दिया जाता है कि सांस्कृतिक रूप से नाम संवेदनशील न हों और न ही उनका अर्थ भड़काऊ हो।

इस तरह बनता है चक्रवाती तूफान
चक्रवाती तूफान गर्मियों के आते ही शुरू हो जाते हैं। समुद्र में इक्वेटर के पास जब सूरज की गर्मी बढ़ती है तो समुद्र का पानी 27 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गर्म हो जाता है। इससे भाप बनती है और गर्म हवा तेजी से ऊपर उठती है। ऊपर की नमी वास्प से मिलकर बादल बनाती है। जब गर्म हवा उठती है तो वहां कम वायु दाब का क्षेत्र बनता है। गर्म हवा के तेजी से उठने पर नीचे की खाली जगह भरने ठंडी हवा तेजी से आ जाती है। इससे हवा चक्कर काटने लगती है और नमी से भरे बादल बादल भी घूमने लगते हैं। इससे तूफान पैदा होता है। गर्मी और नमी जितनी ज्यादा होती है, तूफान उतना ही खतरनाक होता है। इक्वेटर के ऊपर (उत्तरी गोलार्ध में) तूफान बाईं तरफ घूमते हैं और नीचे (दक्षिणी गोलार्ध में) तूफान दाईं तरफ घूमते हैं।

कितनी कैटेगरी का तूफान होता है
हवा की गति के आधार पर तूफान की कैटेगरी तय की जाती है। जब हवा 63 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चक्कर काटती है तो उसे ट्रॉपिकल स्टॉर्म (तूफान) कहते हैं। जब यह गति 119 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा हो जाती है तो उसे ट्रापिकल साइक्लोन कहते हैं। हवा की गति बढ़ने के आधार पर साइक्लोन की कैटेगरी 1 से 5 की स्केल पर चली जाती है।

भारत के कौन से इलाके ज्यादा प्रभावित
भारत के तटवर्ती इलाकों ओडिशा, गुजरात, आंध्र प्रदेश ,पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा चक्रवाती तूफान से ज्यादा प्रभावित होते हैं।



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चक्रवातों को नाम देना सबसे पहले अटलांटिक सागर के आस-पास के देशों ने 1953 में शुरू किया था।


from Dainik Bhaskar /national/news/the-last-name-in-the-list-of-storms-is-amfan-thailand-naming-started-in-1953-127314746.html

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